संजय शाश्वत
बिहार में छात्र आंदोलन में शरिक होने के बाद प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी हुई और गिरफ्तारी के बाद जो सीन अब बुरे राज्य में,पूरे प्रांत में बना हुआ है वह काफी अलग सीन क्रिएट कर रहा है. यह भी कहा जा सकता है कि प्रशांत किशोर को यह छात्र आंदोलन एक राजनीतिक प्लेटफार्म दे दिया है,जहां से वह अपना एक राजनीतिक मंच तैयार कर चुके हैं. हर दिल हर जुबान पर जाने की एक कोशिश और उसे कोशिश में कामयाब होते नजर आ रहे हैं प्रशांत किशोर…. जन सुराज पार्टी प्रमुख प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के खिलाफ पटना सहित भोजपुर जिले में आज जोरदार प्रदर्शन हुआ. जिले के जन सुराज नेताओं और जन सूरज विचार मंच ने बिहार की ध्वस्त शिक्षा व्यवस्था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर “लाठितंत्र” अपनाने का आरोप लगाते हुए आक्रोश व्यक्त किया.
आंबेडकर चौक पर आयोजित इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता और नेता शामिल हुए. दोपहर 3 बजे सभी कार्यकर्ता जुटे और सरकार के खिलाफ विरोध प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया. प्रदर्शनकारियों ने इस कार्यक्रम के माध्यम से बिहार की जनता के प्रति सरकार के “निरंकुश रवैये” का कड़ा विरोध किया.
प्रदर्शन का नेतृत्व राज्य महिला महासचिव सलमा बेगम और युवा राज्य महासचिव कृष्णा सिंह ने किया. इनके साथ ही जिले के प्रमुख जन सुराज नेता अभय सिंह, जाकिर हुसैन, सोनू पासवान, संजय सिंह, कमलेश तिवारी, प्रतिरोध कुमार, श्याम बिहारी यादव, वीरेंद्र ओझा, सज्जन कुमार, अनिल मिश्रा, मोहम्मद नसीम, मोहम्मद साहब आलम और मोहम्मद एहसान भी उपस्थित थे. प्रदर्शनकारियों ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग की है.सलमा बेगम ने कहा, “बिहार की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है और सरकार इसे सुधारने के बजाय जनता की आवाज दबाने में लगी है.” वहीं, कृष्णा सिंह ने कहा, “जनता के हितों के लिए यह आंदोलन जारी रहेगा.”
इस प्रदर्शन के माध्यम से जन सुराज पार्टी ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को अनदेखा किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।