
लेबनान में देशभर में बड़ी तादाद में पेजर ब्लास्ट हुए हैं। धमाकों में 2800 से ज्यादा लोग घायल हैं और 17 की जान चली गई है. धमाकों के बाद देशभर के अस्पताल हाई अलर्ट पर हैं और लोगों से रक्तदान के लिए आगे आने की अपील की जा रही है. लेबनान में धमाकों के बाद किस तरह की बर्बादी और तबाही का मंजर है, उसे स्थानीय लोगों ने बयान किया है.
सीएनएन ने उन लोगों से बात की है, जो मंगलवार को हुए धमाकों के चश्मदीद हैं.सीएनएन के अनुसार मंगलवार को घातक पेजर विस्फोटों के बाद लेबनान की राजधानी बेरूत की सड़कों पर हर ओर खून से लथपथ लोग थे और हर तरफ से सिर्फ चीखें सुनने को मिल रही थीं.अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ बेरूत मेडिकल सेंटर के बाहर सीएनएन से बात करने वाले स्थानीय शख्स ने कहा, हम सड़कों पर निकले और हमें ऐसा लगा जैसे हमारा शहर जोंबी का शहर बन गया था. घायल लोग सड़कों पर बिखरे पड़े थे. इन घायलों में कई ऐसे लोग थे, जो मेरे दोस्त थे या जिनकों मैं जानता था.’ एक और चश्मदीद ने अपनी सुरक्षा के डर से नाम ना छापने की शर्त पर बताया, मैं अपने काम पर जाने के लिए निकला तो सबकुछ बदला हुआ था. सड़क पर सिर्फ रेड क्रॉस एम्बुलेंस और जमीन पर घायल लोग दिख रहे थे।और स्थानीय शख्स ने बताया कि जिस तरह की अफरातफरी थी, उसमें समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है. इससे पहले इतनी बड़ी तादाद में लोगों को तड़पते हुए कभी नहीं देखा था. लोगों को एम्बुलेंस में अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन ये व्यवस्था भी कमजोर पड़ती दिख रही थी. एक और शख्स ने कहा कि उसके एक दोस्त के पास भी पेजर था.वह पेजर ले जा रहा था, तभी उसमें विस्फोट हो गया.अपने घायल दोस्त को देखने अस्पताल में आए शख्स ने बताया कि यह डिवाइस (पेजर) सिर्फ हिजबुल्लाह के लड़ाकों के पास ही नहीं थे. पेजर यहां सभी लोगों के हाथों में थे.सुरक्षा क्षेत्र में काम करने वाले लोग इसका इस्तेमाल कर रहे थे तो आम लोगों के पास भी पेजर थे.इन लोगों को भी धमाकों से चोटे लगी हैं और इनका इलाज हो रहा लेबनानी सरकार ने इस हमले की निंदा करते हुए इजरायली एजेंसी मोसाद को इसका जिम्मेदार कहा है लेकिन इजरायल ने इन विस्फोटों पर कोई टिप्पणी नहीं की है. इजरायल चुप है लेकिन ऐसी कई रिपोर्ट सामने आई हैं, जो दावा करती हैं कि इजरायल की खुफिया सेवा, मोसाद और इजरायली सेना ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. एक बड़े सीक्रेट ऑपरेशन के तहत पेजर्स में विस्फोटक लगाया गया और फिर एक समय तय करते हुए इनमें ब्लास्ट किया गया, जिन पेजर्स में विस्फोट हुआ, वो नए थे और हाल के महीनों में हिजबुल्लाह ने इनको खरीदा था. हिजबुल्लाह ने हमेशा ही अपनी सैन्य रणनीति को सीक्रेट रखा है. हिजबुल्लाह अपने एक आंतरिक नेटवर्क मे कम्युनिकेशन के लिए मोबाइल की जगह पेजर का इस्तेमाल करता था.