बिहार की राजनीति में उठा पटक के बाद जनसुराज खुद को स्थापित करने में लगा हुआ है. इसी नीति के अंतर्गत आरा में जान स्वराज के लोगों ने एक प्रेस वार्ता किया जहां उन्होंने अपनी बात बड़े ही मजबूती से रखने की कोशिश की.
बिहार में शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा समेत मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था पूरी तरह सड़ चुकी है, जिसमें बदलाव की जरूरत है। उक्त बातें चर्चित शिक्षाविद डॉ के. के. सिंह रविवार को जन सुराज विचार मंच की जिला इकाई के तत्वाधान में स्थानीय शहीद भवन चौक स्थित भारती कंसलटेंट सभागार में आयोजित विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे. गोष्ठी का विषय बिहार की बद्तर शिक्षा, रोजगार समेत राजनीतिक व्यवस्था पर उन्होंने कहा कि आज की राजनीति में खोजिए कौन वजीर बनने आया है और कौन नजीर। इन सब चेहरों में एक प्रशांत किशोर हैं, जिनके मजबूत पहल से लोगों की उम्मीदें बढ़ गई है।
चिकित्सक डॉ सुरेंद्र प्रसाद ने कहा की समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए पहल की जरूरत है। वरीय अधिवक्ता सुरेंद्र प्रसाद सिंह एवं दिलीप गुप्ता ने कहा कि बिहार की राजनीति दलदल हो चुकी है।जन सुराज को हर एक कदम सावधानी से बढ़ाना होगा तभी बदलाव संभव है। डॉ संगीता सिंह ने कहा कि शिक्षक और बुद्धिजीवी वर्ग को जन सुराज से उम्मीदें बढ़ीं है। साहित्यकार मधुलिका सिंहा ने कहा कि बिहार में बदलाव के लिए बुद्धिजीवियों को जन सुराज के साथ जुड़ना होगा। गोष्ठी में शामिल दर्जनों प्रबुद्ध महिला एवं पुरुष में प्राध्यापक, शिक्षक, चिकित्सक, अधिवक्ता, व्यवसायि, सामाजिक कार्यकर्ता और शोधार्थी व प्रतियोगी छात्रों ने भी विचार रखा। अन्य वक्ताओं में देवेंद्र प्रसाद यादव, प्रोफेसर रविंद्र नाथ, सज्जन कुमार, अजीत रंजन, भरत सिंह, आनंद मोहन, कुमार आशीष, घनश्याम सिंहा, कमलेश तोमर, आलोक सिंहा, डॉ पी के राय, रवि कुमार, डॉ नूतन पांडे एवं रश्मि कुमारी आदि प्रमुख थे। इस अवसर पर जसुपा के कई नेता एवं नेत्री भी शामिल थे। मंच संचालन शोधार्थी छात्र प्रतिरोध कुमार और धन्यवाद ज्ञापन मंच के जिला प्रभारी सुधीर कुमार मिश्रा ने किया।