
केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया चुनावी बांड चंदा का मामला भाजपा सरकार का पीछा नहीं छोड़ रहा है. बेंगलुरु के एक कोर्ट ने जबरदस्ती चंदावास सुनने के कारण केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. यह आदेश तिलक नगर पुलिस को 42वीं एसीएमएम कोर्ट द्वारा जारी किया गया है. यह पूरा मामला चुनावी बॉन्ड को लेकर है जिसमें जबरदस्ती बॉन्ड के बहाने चंदा वसूलने से संबंधित है.
यह विवाद तब शुरू हुआ जब जनाधिकार संघर्ष संगठन के आदर्श अय्यर ने निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ एक निजी शिकायत (पीसीआर) दर्ज कराई. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली की गई थी. इस शिकायत के आधार पर बेंगलुरु की जनप्रतिनिधियों की विशेष अदालत ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया.
चुनावी बॉन्ड योजना से जुड़ा है मामला
दरअसल यह मामला 2018 में केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया चुनावी बॉन्ड योजना की शुरुआत को लेकर है. इस योजना का उद्देश्य राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद दान की जगह बॉन्ड द्वारा लेना था. इस योजना के तहत राजनीतिक दलों को फंड दिया जाता था, लेकिन इसका सार्वजनिक खुलासा नहीं किया जाता था. इस योजना का प्रमुख उद्देश्य राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता में सुधार करना था. इस योजना के खिलाफ विपक्ष ने कई बार आरोप लगाते रहे हैं.इससे जुड़ी याचिकाएं भी दायर की गईं. इन दायर याचिकाओं और आरोपों के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था.
वैसे इस मामले में कानून तो अपना काम करना शुरू कर दिया है, लेकिन सियासत की गलियों में यह मामला तूल पकड़ता जा रहा. कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर इसका क्या असर पड़ेगा या तो समय बताएगा यह स्पष्ट हो चुका है कि इसका खामियाजा केंद्र सरकार को भुगतना भी पड़ सकता है.