सारे नियम तोड़ पैसे लेकर बैकडेट से मैडम करती थी काम, लोगों ने की शिकायत तो हुई DCLR निलंबित
बिहार में भ्रष्टाचार का है राज़
प्रथम सिन्हा
बिहार में बिना पैसा दिए शायद ही कोई काम होता है…. यह हाल लगभग सभी सरकारी दफ्तरों का है. बिहार सरकार के कई विभागों में भ्रष्टाचार जड़ जमाए हुए है। त्रस्त जनता जब शिकायत करती है तो कई भ्रष्ट अधिकारी गिरफ़्त में भी आते है। पर, नैतिकता बेच चुके अधिकारियों- कर्मचारियों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। ताज़ा मामला पटना की DCLR मैत्री सिंह का है। भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए जाने के बाद इन्हें पद से निलंबित कर दिया है। मैत्री सिंह पर प्रशासन विभाग ने यह कार्रवाई की है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने पटना सदर अनुमंडल की पूर्व डीसीएलआर मैत्री सिंह को निलंबित करने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने उनके निलंबन की अनुशंसा की थी। पूर्व डीएसएलआर पर आरोप था कि स्थानांतरण के बाद भी उन्होंने सरकारी फाइलें अपने साथ ले जाकर बैक डेट में निपटारा किया है। इनमें अधिकतर मामले दाखिल-खारिज और भूमि विवाद से संबंधित थे।
ट्रांसफ़र हुआ तो फ़ाईलें भी ले गई साथ, वसूली कर बैकडेट में होने लगा काम
पूर्व डीसीएलआर मैडम के कार्यालय में दलालों के माध्यम से काम करवाया जाता था। 30 अक्टूबर को उनका स्थानांतरण हो गया था, लेकिन, वह लगभग 500 फाइलें अपने साथ ले गई थीं। यह मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में आने पर डीडीसी समीर सौरभ की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई गई। कमेटी ने जांच के बाद इन आरोपों को सही पाया और कार्रवाई की अनुशंसा की। इसके बाद जिलाधिकारी ने उनके निलंबन की सिफारिश की। इसके आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया। निलंबन की अवधि के दौरान उनका मुख्यालय पटना प्रमंडल कार्यालय निर्धारित किया गया है।
पटना के जिलाधिकारी (डीएम) के निर्देश पर हुई जांच में पता चला था कि मैत्री सिंह कार्यालय से 700 से अधिक फाइलें गायब कर चुकी थीं। बाद में उन्होंने 255 फाइलें लौटा दीं, लेकिन 451 फाइलें अभी भी लापता हैं। इन फाइलों में भी बैकडेट में आदेश पारित किए जाने की आशंका है। इससे पहले, डीएम के जनता दरबार में कई लोगों ने शिकायत की थी कि मैत्री सिंह के दलाल दाखिल-खारिज के लिए पैसे लेकर बैकडेट में काम करवाने का दबाव बना रहे हैं। जांच में यह भी पता चला है कि कार्यालय से कंप्यूटर, प्रिंटर और अन्य उपकरण भी गायब हैं। मैत्री सिंह वर्तमान में विश्वविद्यालय सेवा आयोग में विशेष कार्य पदाधिकारी के पद पर तैनात थी। अब उन्हें निलंबित कर दिया गया है।