आज स्थानीय प्रोजेक्ट बालिका+2 विद्यालय चरपोखरी के, कला प्रेक्षागृह में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। चित्र प्रतियोगिता सह चित्र प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। तकरीबन 100 चित्रों को कला गैलरी में प्रदर्शित कर एक बेहतर कलात्मक माहौल का प्रयास किया गया है। गीत संगीत और चित्र सृजन से सजा यह कला संगम कि तरह शिक्षकों को बच्चों को काफी उद्वेलित कर रहा था। प्रधानाध्यापक विजय कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि अपने मौलिक रचनात्मकता और गीत संगीत से सजा आयोजन काफी प्रेरित करेगा छात्राओं को। वरिष्ठ शिक्षक मनोज कुमार ने कला प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि बच्चों छात्राओं में रचनात्मकता विकास जरूरी है और इस तरह के आयोजन से यह संभव है। संगीत शिक्षक प्रमोद कुमार ने समूह गीतों का संयोजन करवाया था। गीत संगीत से एक सांस्कृतिक माहौल सृजित हो गया था। वरिष्ठ प्रखर समझ रखने वाले शिक्षक सिकंदर कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि सबसे जरूरी है छात्राओं में स्थानीय कला संस्कृति का समझ होना। निश्चित रूप से छात्राओं ने मिलकर इस कला संगम को यादगार बना दिया है। चित्र प्रतियोगिता में दो ग्रुप बनाया गया था सिनियर ग्रुप में प्रथम स्थान हासिल किया अमृता कुमारी द्वितीय स्थान शिवानी कुमारी तृतीय स्थान नंदनी कुमारी ने हासिल किया। वहीं जुनियर में प्रथम स्थान ज्योति कुमारी, द्वितीय स्थान रागिनी कुमारी, तृतीय स्थान सुरभि कुमारी ने हासिल किया। समुह गायन में जसिका कुमारी,बेबी कुमारी, संध्या कुमारी,रितु कुमारी,जानकी कुमारी, प्रियांशु कुमारी ने हिस्सा लिया। निश्चित रूप से गायन भोजपुरिया संस्कार व संस्कृति को ध्यान में रख तैयारी करवाया गया था। चित्रों का अवलोकन व मूल्यांकन सुनित त्रिपाठी, जयगोपाल सिंह व मोहम्मद प्रवेज आलम ने मिलकर किया। अपने संबोधन में सुनित त्रिपाठी ने कहा कि चित्रों में छात्राओं ने कला के उत्कृष्टता को गढ़ा है।जो मानव जीवन के सांस्कृतिक मूल्यों को स्थापित करता है। अपने संबोधन में मुहम्मद प्रवेज आलम ने कहा कि गीत संगीत और चित्र से सजा यह आयोजन चरपोखरी के धरती पर याद रखा जाएगा। कार्यक्रम का विधिवत संचालन चित्रकार रौशन राय ने किया और अपने संचालन क्रम में कहा कला संस्कृति मानव मन मस्तिष्क मिजाज का हिस्सा होता है जिसे बच्चियों ने साबित किया। चित्रों का अवलोकन करते हुए पिंकी कुमारी रिंकी कुमारी ने कहा विद्यालय में इस तरह का सृजनात्मक आयोजन से छात्राओं में एक अलग उर्जा का संचार होता है जो निरंतर जारी रहना चाहिए। चित्र प्रदर्शनी में लगा चित्र भोजपुरिया संस्कृति कोहबर लेखन और पिड़िया लेखन से ज्यादा था। काफी कलात्मक और मौलिक समझ के अनुसार यह प्रदर्शित किया गया था। कार्यक्रम में शामिल व प्रदर्शनी अवलोकन करने वालों में मुख्य पिंकी कुमारी, रिंकी कुमारी, रिंकल कुमारी, प्रीति कुमारी, सुधांशु शर्मा, प्रमोद कुमार, मनोज कुमार,सुनित त्रिपाठी,जय गोपाल सिंह, मुहम्मद प्रवेज आलम, रौशन राय, चर्चिल टैगोर,निरज कुमार मिना देवी सिकंदर कुमार आदि ने आयोजन को काफी सराहा।