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कागज के कतरनों द्वारा निर्मित चित्र का अवलोकन डीएम ने किया

भोजपुरी महोत्सव में गांव के बच्चों का धमाल

बिहार दिवस के अवसर पर स्थानीय वीर कुंवर सिंह स्टेडियम के प्रांगण में भव्य आयोजन सृजित किया गया था। तकरीबन 100 छोटी बड़ी कला गैलरीयां बनाईं गई थी। ढेरों तरह के कलात्मक सृजनात्मक वस्तुओं को प्रदर्शित कर एक मिशाल कायम किया गया। शिक्षा विभाग के द्वारा कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। स्थानीय प्रोजेक्ट बालिका+2 विद्यालय चरपोखरी के कला शिक्षक रौशन राय व छात्राओं के द्वारा सृजित कोलाज आकर्षण का केंद्र रहा। कागज के कतरनों द्वारा निर्मित चित्र का अवलोकन करते हुए जिलाधिकारी तनय सुल्तानिया ने कहा अभिव्यक्ति का बेहतरीन माध्यम कोलाज है।कोलाज में तरह तरह के रंगीन कागज का सार्थक व कलात्मक प्रयोग हुआ है जो साफ दृष्टिगत हो रहा है। इस अवसर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी अहसन जी ने संबोधित करते हुए कहा कि कला शिक्षा का अंग है और इस दिशा में भोजपुर में बेहतर काम हो रहा है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी चंदन प्रभाकर ने अपने संबोधन में कहा कि यह कला प्रदर्शनी अपने आप में काफी कलात्मक और नए तरह का है।कला शिक्षकों और छात्र छात्राओं द्वारा सृजित कोलाज मूर्ति शिल्प कैनवास में कलात्मकता सृजनशीलता स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। वरिष्ठ अंग्रेजी शिक्षक व सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक विजय कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा चित्रों की अपनी भाषा होती है, जो जीवन के मूल्यों को समाज के सामने लाती है । वरिष्ठ शिक्षक मनोज कुमार वरिष्ठ शिक्षक अजय राय कला प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए बारी बारी से कलाकारों से रूबरू होते हुए बोले कला आज कल और आज के कड़ी जोड़ विस्तारित होता है। यही सृजन क्षमता को उत्कृष्टता के तरफ मोड़ समय के सच को लाता है। वहीं गणित शिक्षक सुकेश कुमार, मुहम्मद प्रवेज आलम, चर्चिल टैगोर कला प्रदर्शनी में उपस्थित हो छात्राओं और कलाकारों को बधाईयां दी। कला प्रदर्शनी में अविनाश कुमार, राहुल कुमार, चौहान और रौशन राय के अथक प्रयासों का सृजनात्मक रूप दिख रहा था जिसे भोजपुर के कला प्रेमियों ने काफी सराहा। ढेरों ऐसे कला प्रेमी चित्रों का अवलोकन करते हुए रोमांचित हो रहें थे, जो रहस्यमय स्थिति परिस्थिति को कोलाज के त्रिआयामी प्रभाव के अवलोकन में देख समझ रहे थे। इस अवसर पर ढेरों प्रधानाध्यापक प्रभारी प्रधानाध्यापक उपस्थित हो अपना अपना विचार रखे उसमें मुख्य बालगंगाधर तिलक ,शशी शेखर शर्मा, रेणु जी भास्कर मिश्रा के साथ शहर के वरिष्ठ चित्रकार, पत्रकार, साहित्यकार, समाजसेवी लोगों का उपस्थिति दिन भर होते रहा। वरिष्ठ कला शिक्षक रौशन राय ने अपने संबोधन में कहा जीवन सृजन का हिस्सा होता है, छात्र छात्राओं को कला शिक्षा और मौलिक व बेहतर तरीका से दिया जाना चाहिए। प्रदर्शनी में मुख्य रूप से कोलाज, इंस्टालेशन, प्राकृतिक दृश्य, संयोजन, पेंसिल छाया प्रकाश, के साथ ढेरों तरह के मूर्त अमूर्त कलाकृतियां प्रदर्शित किया गया था जो शहर के लिए नयापन के साथ कलात्मक था। ढेरों ऐसे कला प्रेमी थे जिन्होंने इस प्रदर्शनी के लिए शुभकामनाएं बधाईयां भेजीं उसमें मुख्य है। वरिष्ठ शिक्षिका अर्चना कुमारी,प्रतिमा कुमारी, संगीता कुमारी, पिंकी कुमारी, रिंकल कुमारी, अर्पिता यादव, रिंकी कुमारी,प्रिती, कुमारी सुनित त्रिपाठी,इंदू यादव, जयगोपाल, सिकंदर कुमार,सुभांशु कुमार,निरज कुमार के साथ ढेरों शिक्षक कलाकार, समाजसेवी लोगों ने शुभकामनाएं बधाईयां दी है।

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