ज्ञानोत्सव कार्यक्रम का हुआ समापन

स्थानीय प्रोजेक्ट बालिका+2 विद्यालय चरपोखरी के प्रेक्षागृह में, ज्ञानोत्सव ( लर्निंग फेस्टिवल) का समापन समारोह आयोजित हुआ। चार दिनों से अलग अलग गतिविधियों से विद्यालय में कलात्मक माहौल सृजित हो गया था। चित्रकला प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, गीत संगीत प्रतियोगिता, क्राफ्ट प्रदर्शनी व प्रतियोगिता, खेल प्रतियोगिता। विद्यालय गतिविधि में शिक्षा के साथ कला संस्कृति खेल गीत संगीत और मौलिक गतिविधि पर ध्यान दिया जाना जरूरी है। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन विद्यालय प्रभारी मुहम्मद प्रवेज आलम के साथ विद्यालय शिक्षिका पिंकी कुमारी, रिंकल कुमारी, चर्चिल टैगोर, सिकंदर कुमार ने सामुहिक रूप से किया। प्रभारी प्रधानाध्यापक मुहम्मद प्रवेज आलम ने अपने संबोधन में कहा कि सर्व कला मिश्रित ज्ञानोतसव ने विद्यालय में उत्सवी माहौल बना दिया। इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षक सिकंदर कुमार ने कला प्रदर्शनी और पुरे गतिविधि का अवलोकन करते हुए कहा कि,समाज व विद्यालय में लोक शिक्षा और संस्कृति का विकास जरूरी है।

वहीं गृह विज्ञान शिक्षिका पिंकी कुमारी, मनोविज्ञान शिक्षिका रिंकल कुमारी ने विचार रखते हुए कहा गंवई कलात्मकता इस आयोजन को शीर्ष बना दिया है। खेल प्रतियोगिता में कुर्सी दौड़ करवाया गया था जिसमें प्रथम खुशी कुमारी, द्वितीय रागीनी कुमारी, तृतीय स्थान सुरभि कुमारी हासिल किया। चित्र प्रदर्शनी व प्रतियोगिता दोनों आयोजित किया गया था। छात्राएं चित्रों में बिहार के कला संस्कृति को समृद्धि देने के लिए खुद विषय चयन कर अलग-अलग विषय में चित्र सृजित किया था। चित्रकला में प्रथम स्थान हासिल किया है रागिनी कुमारी, द्वितीय शिवानी कुमारी तृतीय स्थान नेहा कुमारी। आज समापन समारोह में सांस्कृतिक माहौल भी रहा छात्राएं समूह गायन से सबको आकर्षित कर लिया। संगीत में प्रथम स्थान रितू कुमारी, द्वितीय संध्या कुमारी, तृतीय स्थान जसिका कुमारी ने हासिल किया। विद्यालय में शिक्षकों की संख्या अभी कम है ज्यादातर शिक्षक मैट्रिक मूल्यांकन कार्य में बिजी हैं। इस कलात्मक सृजनात्मक गतिविधियों से सजा आयोजन पर सभी शिक्षकों ने शुभकामनाएं बधाईयां भेजीं है। वरिष्ठ शिक्षक अजय राय, सुनीत त्रिपाठी,मनोज कुमार, सुकेश कुमार,जय गोपाल सिंह, रिंकी कुमारी, इंदू यादव ने शुभकामनाएं भेजी है। शुभकामना संदेश में वरिष्ठ शिक्षक सुकेश कुमार बोले यह आयोजन संस्कृति सभ्यता और कला को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है। पूर्व प्रधानाध्यापक विजय कुमार सिन्हा ने भी आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं बधाईयां दी।इस अवसर पर रंगोली प्रतियोगिता भी आयोजित किया गया था। समूह में छात्राएं तरह तरह कि कलात्मक रंगोली बनाई जो दर्शकों को काफी उद्वेलित कर रहा था। चित्र सृजन में छात्राओं ने सपाट रंगो का प्रयोग कर मोटी पतली लकिरो से जीवन गढ़ दिया था। चार दिनों तक चलने वाले ज्ञानोत्सव लर्निंग फेस्टिवल में कला संस्कृति का मौलिक रचनात्मकता दिखी जो मन मस्तिष्क को शीतलता प्रदान कर रही थी। कलात्मक क्राफ्ट, खाकागत संदर्भ जनीत चित्र सृजन गीत संगीत ने सबको आकर्षित किया और सोचने पर मजबूर भी। विद्यालय शिक्षा का हिस्सा होता है स्थानीय कला सृजन जो तकरीबन हर छात्राओं ने उकेर रखा था। कार्यक्रम का विधिवत संचालन चित्रकार रौशन राय ने किया। अपने संबोधन में कहा कि चित्रों में छात्राएं परिपक्व कलाकार कि तरह रेखाएं गढ़ी है। कुछ छात्राएं होली गीत भी गाई जो कला के उत्कृष्टता श्रेष्ठता को अपने अंदर समेटे हुए था। अंत में धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक प्रमोद कुमार ने किया, अपने संबोधन में कहा कि इस तरह का रचनात्मक गतिविधि छात्राओं में साकारात्मक ऊर्जा पैदा करेगा। उपस्थित शिक्षक/ शिक्षिका छात्राओं में मुख्य, गुड़िया कुमारी, संध्या कुमारी, रिंकल कुमारी, पिंकी कुमारी रौशन राय, चर्चिल टैगोर, मिना देवी, ज्योति कुमारी, पम्मी कुमारी, शिवानी कुमारी मुख्य है।