
संजय शाश्वत
104 अप्रवासी भारतीयों को हथकड़ी और बेड़ियों में बांधकर लाया गया भारत .पूरे रास्ते उनके साथ आतंकवादी की तरह व्यवहार किया गया .अमेरिकी सैनिकों ने वॉशरूम तक जाने में उन्हें गई दिक्कतेंदेते रहे. 40 घंटे के सफर मेंबहुत मिन्नतें करने के बाद वो 2 गार्डों के साये में वाशरूम तक जा पाते थे. दाएं से बाएं गर्दन नहीं कर सकते थे. स्थिति ऐसी थी जैसे कोई आतंकवादी हो…..
यह स्थिति 104 भारतीयों के साथ अवैध रूप से रह रहे अमेरिका में सैनिकों ने किया. उन्हें सेना की एक फ्लाइट में वापस हिंदुस्तान, हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़ कर भेजा गया. भारत सरकार मौन होकर तमाशा देखती रही… अमृतकाल में 104 भारतियों को अमृतसर में उतारा गया.
वहीं एक छोटा सा देश कोलंबिया अवैध प्रवासियों को लाने के लिए अपना विशेष विमान भेजा और खुद कोलम्बिया के राष्ट्रपति उन्हें रिसीव करने के लिए एयरपोर्ट पर गए.
संसद में विपक्ष ने हथकड़ी लगाकर अमेरिका के इस आचरण का विरोध किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका को ऐसा नहीं करना चाहिए. भारत सरकार को मूक दर्शक नहीं बनना चाहिए. भारत को भी अपने लोगों को लाने के लिए विशेष विमान भेजना चाहिए.
वैसे विदेश मंत्री जयशंकर संसद में सफाई देते आये कि ये वर्षों से अमेरिका करता रहा है, पर ये नहीं बता पाए कि अमृतकाल में 104 भारतीयों को अमृतसर में हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर आतंकवादी की तरह क्यों व्यवहार करते हुए उन्हें अमेरिका ने भेजा…..!!!!!
पूछता है भारत… क्यों…. क्यों.. क्यों….???????