क्राइमदेशबिहार

शादी -विवाह में फायरिंग क्यों…? क्यों ख़ुशी के माहौल को लो दुखों में बदलते हैं…?

लगन -विवाह के समय हमेशा हर्ष फायरिंग में जाती है लोगों की जान

नमस्कार मैं हूं Aaina News….अभी मैं बात कर रहा हूं बिहार की उस परंपरा की जो खुशी के माहौल को गमगीन कर देता है…. दुखों से भर देता है… हर्ष फायरिंग यह एक ऐसा शब्द है जो बिहार में ही ज्यादा नजर आता है.खासकर बिहार के भोजपुरी क्षेत्रों में….

हर्ष फायरिंग अर्थात आन बान शान की बात करने और समझने वाले लोगों के बीच यह परंपरा प्रतिष्ठा से जुड़ी होती है.बिहार में शादी- विवाह में हर्ष फायरिंग की घटनाएं आम बात हो जाती है. प्रशासन के लाख मना करने के बावजूद भी शादी- विवाह जैसे आयोजनों में हर्ष फायरिंग एक परंपरा बन गई है जिसमें कई लोगों की जाने जा चुकी है….लोग शादी विवाह में बंदूक से गोलियां छोड़ते हैं और गोलियां किसी भी उसे आयोजन में शामिल लोगों को लग जाती है. लोग हर्ष फायरिंग करने में अपनी शान समझते हैं, मूंछ का ताव समझते हैं . शादी ब्याह में नाच और गाने जैसे कार्यक्रम का होना भी एक परंपरा है और जब नाच गाने हो और फायरिंग नहीं हो तो फिर यह परंपरा बेकार सी लगती है, ऐसा ही मानना है यहां के लोगों का… अभी हाल ही में बिहार के आरा से सटे सकड्डी गांव में एक शादी का आयोजन था जहां पर हर्ष फायरिंग हुआ और एक आर्मी मैन घायल हो गया.इस घटना के संदर्भ में बातें आई है कि एक सेना में कार्यरत युवक की बहन की शादी थी.. नाच गाने हो रहे थे…. नाच करने वाली लड़कियों को कुछ युवक स्टेज पर चढ़कर छेड़ रहे थे.आर्मी मैन भाई ने इसे रोकना चाहा… बस, अब क्या था, इसी बात ने तूल पकड़ा और आर्मी मैन को गोली मार दी गई. इस तरह की सैकड़ों घटनायें, हर वर्ष, शादी -ब्याह के अवसरों पर होती रहती है. प्रशासन लोगों को आगाह तो करती है, पर रोक नहीं पाती…!!

 

 

 

 

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