राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा रविवार को पटना में हुई सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (CHO) की परीक्षा में बड़ी धांधली उजागर हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पटना में सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (CHO) की परीक्षा हो रही थी, जिसमें परीक्षार्थियों के ऑनलाइन परीक्षा केंद्र पर जो कम्प्यूटर थे, वे प्रॉक्सी सर्वर से हैंडल किए जा रहे थे। परीक्षार्थी सिर्फ़ बैठे थे, प्रश्नपत्र सॉल्वर गैंग के लोग सॉल्व कर रहे थे।
इसे लेकर पटना पुलिस ने लगभग एक दर्जन परीक्षा केंद्रों पर छापेमारी कर ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों के मालिक समेत 37 लोगों को गिरफ्तार किया। EOU ने एफआइआर दर्ज करने के बाद अब विशेष टीम बनाकर इसकी जांच शुरू कर दी है। जाँच के क्रम में EOU ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सॉल्वर गिरोह के सदस्य नकली सर्वर से परीक्षा के प्रश्न हल कर रहे थे।
रद्द हुई परीक्षा, EOU कर रही जाँच
धांधली उजागर होने के बाद सीएचओ (CHO) की परीक्षा रद्द कर दी गयी है। मामले में इओयू की टीम ने तीन परीक्षा केंद्रों की जांच की। जहां, गलत तरीके से सर्वर में प्रवेश करके सॉल्वर गैंग के जरिये परीक्षा के प्रश्न हल करने के सबूत मिले। जिसके बाद इओयू ने इन परीक्षा केंद्रों के मालिक, ऑनलाइन परीक्षा आयोजक कंपनी, परीक्षा संयोजकों, परीक्षा केंद्रों के आइटी मैनेजर, आइटी सपोर्ट स्टाफ और अभ्यर्थियों समेत 37 लोगों को गिरफ्तार किया। सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है।
8 लाख तक की थी डील, प्रॉक्सी सर्वर का हो रहा था इस्तेमाल
जानकारी के अनुसार, साल्वर गिरोह के ठगो ने प्रश्नपत्र सॉल्व करने के लिए परीक्षार्थियों से पांच से आठ लाख रुपए में डील होने की है। आशंका जतायी जा रही है कि सॉल्वर गैंग ने पहले ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों के मालिक या स्टाफ की मदद से वहां के इंटरनेट सर्वर का गेटवे हासिल किया। उसके बाद प्रॉक्सी सर्वर से सेंटर के सिस्टम में एक्सेस का अधिकार ले लिया।
धांधली में रिमोट व्यूइंग एप का उपयोग
परीक्षा में धांधली के लिए गिरोह ने पूर्व नियोजित तरीक़ा अपनाया। सॉल्वर गैंग से डील करने वाले अभ्यर्थी सेंटर पर केवल माउस पकड़कर कैमरे के आगे कंप्यूटर पर बैठे रहते थे। ठीक उसी समय सॉल्वर गैंग के सदस्य कहीं दूसरी जगह से सॉफ्टवेयर के जरिए उस सिस्टम में एक्सेस लेकर सवालों के जवाब दे रहा था। इसके लिए उसने रिमोट व्यूइंग एप का उपयोग किया।