
मथुरा के वृंदावन में प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर से एक वीडीयो वायरल हुआ है जिसमें भक्तों को एक हाथी की मूर्ति के मुंह से टपकते पानी को पीने के लिए कतार में लोग खड़े हैं. भक्तों का मानना था कि यह भगवान कृष्ण के चरणों से निकला ‘चरण अमृत’ है. श्रद्धालु इसे ‘चरण अमृत’ या पवित्र जल समझ रहे हैं. मगर सच्चाई यह थी कि यह पानी गर्भगृह में लगे एयर कंडीशनर (AC ) से निकल रहा था.
विडियो में कई श्रद्धालु हाथी की मूर्ति की ओर हाथ उठाकर पानी लेते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसके बाद वे इसे पीते हैं और बाकी पानी अपने सिर पर डाल लेते हैं.कुछ श्रद्धालु कागज के प्याले लेकर पानी भरते हुए भी देखे गए. उन्हें लगा कि यह पानी सीधे मंदिर में देवताओं के चरणों से आ रहा है.मंदिर के संरक्षक आशीष गोस्वामी ने कहा कि लोगों ने यह अफवाह फैला दी है कि हाथी की मूर्ति से टपक रहा पानी ‘चरण अमृत’ है. उन्होंने कहा, “लोगों को अपने दिमाग से यह गलत धारणा निकाल देनी चाहिए.गर्भगृह में लगे एसी से पानी टपकता है.यह ‘चरण अमृत’ बिल्कुल नहीं है।” गोस्वामी ने कहा कि “चरणामृत” प्राप्त करना इतना आसान नहीं है और यह केवल मंदिर के अंदर ही उपलब्ध है.

हालांकि, श्रद्धालु केयरटेकर के स्पष्टीकरण से विचलित नहीं हुए. उनमें से एक यह समझने में विफल रही कि पानी वास्तव में एसी से आया था न कि गर्भगृह से. उन्होंने कहा, “यह पवित्र जल है.यह हमारे अच्छे कर्मों के कारण है, जिससे हमें यह पानी मिल रहा है.” इस बीच, सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने वीडियो पर व्यापक राय साझा की. जबकि एक ने कहा कि “मूर्खता दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है”, दूसरे उपयोगकर्ता ने कहा कि ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है जो केवल अंधे अनुयायी हैं.कुछ ने बस इतना कहा कि वे हैरान या आश्चर्यचकित नहीं थे क्योंकि भक्त केवल अपने विश्वास का पालन करते थे, न कि तर्क या विज्ञान का.