
बिहार में शिक्षकों बहाली क बाद ट्रांसफर को लेकर आए दिन अफवाहें फैली रहती थी जिसपर अब विराम लग सकता है.बिहार सरकार ने शिक्षकों के लिए ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर नई पॉलिसी का ऐलान कर दिया है. सोमवार को शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी विस्तृत जानकारी दी है. नई पॉलिसी के तहत अब बीपीएससी, पुराने शिक्षक और सक्षमता पास शिक्षकों को अपने जिले में रहने का मौका मिलेगा. पति-पत्नी की पोस्टिंग एक स्कूल में हो सकेगी.कुल मिलाकर जो शिक्षक राज्यकर्मी बन गए हैं उन्हें इसका लाभ मिलेगा, लेकिन इसमें सभी को लाभ नहीं मिलने वाला है. स्थानीय निकाय से चयनित किए गए नियोजित शिक्षकों का तबादला नहीं होगा.
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए जल्द ही आवेदन लिए जाएंगे. दिसंबर 2024 तक शिक्षकों को नए स्कूलों में तैनात कर दिया जाएगा. ट्रांसफर-पोस्टिंग की नई नियमावली में यह महत्वपूर्ण रखा गया है कि दिव्यांग शिक्षकों के लिए सिविल सर्जन कार्यालय से दिया गया प्रमाण पत्र होना अनिवार्य होगा. वहीं गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षकों को मान्यता प्राप्त हॉस्पिटल से हो रहे इलाज से संबंधित कागजात प्रस्तुत करना पड़ेगा.
दिव्यांग और गंभीर बीमारी वालों शिक्षकों को मिलेगी प्राथमिकता
तबादले के लिए शिक्षकों को ई-शिक्षाकोष एप के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन पत्र करना होगा. इसमें गंभीर रोग से पीड़ित जैसे किडनी, हार्ट या दिव्यांग और विधवा महिला शिक्षकों को सबसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी. इसके तहत अगर पत्नी की तबीयत खराब रहती है तो पति को उसे स्कूल में ट्रांसफर किया जा सकेगा. इसके अलावा पति की भी तबीयत खराब रहती है तो उसी स्कूल में पत्नी को ट्रांसफर किया जा सकेगा.दिव्यांग को सुविधा अनुसार अगर वह ट्रांसफर कराना चाहते हैं तो उन्हें भी प्राथमिकता दी जाएगी. विधवा महिला शिक्षकों को उनके घर के आसपास भी ट्रांसफर किया जा सकेगा, लेकिन पुरुष शिक्षकों को उनके गृह अनुमंडल में पोस्टिंग नहीं मिलेगी. हालांकि पूर्व से निर्धारित हर पांच साल में शिक्षकों का ट्रांसफर अनिवार्य होगा.
नियमित शिक्षक, बीपीएससी या सक्षमता परीक्षा पास शिक्षक ट्रांसफर के लिए आवेदन नहीं देते हैं तो अपने मूल विद्यालय में ही बने रहेंगे. उनके पांच साल की अवधि पूरा होने पर विभाग विचार करेगा. ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए 10 ऑप्शन दिए जाएंगे एवं कोशिश की जाएगी कि शिक्षक के अनुमंडल या जिले के नजदीक वाले इलाके में रखा जाए.
नियोजित शिक्षकों को छोड़कर सभी शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग एक साथ प्रथम चरण के तहत दिसंबर में होगा. ट्रांसफर-पोस्टिंग विभाग की ओर से बनाए गए नए सॉफ्टवेयर से आधारित एप्लीकेशन से होगा. ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर स्कूल में छात्र और शिक्षकों के अनुपात का ध्यान रखा जाएगा. ट्रांसफर-पोस्टिंग स्कूल में शिक्षकों की रिक्तियों को देखते हुए की जाएगी.